विकाश के मूलमंत्र लेकर आगे चलना है : पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली , 20 मार्च 2016 : भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीगय कार्यकारिणी बैठक के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को दिए गए मार्गदर्शन भाषण में कहा कि भाजपा कार्यकर्ता रचनात्मरक सोच के साथ काम करें। समाज के सभी वर्गों तक कार्यकर्ताओं की पहुंच हो। कार्यकर्ताओं को स्वयच्छ्ता अभियान और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों से जुड़ने की आवश्क यता है। बैठक समापन के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मीडिया को प्रेस कॉन्फ्रें स कर पीएम द्वारा दिए गए भाषण से अवगत कराया गया। राजनाथ ने बताया कि पीएम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि ‘हमें अपने संगठन को वट वृक्ष के रूप में विकसित करना है। वट वृक्ष चिरस्थापयी होता है। उसकी जड़ें गहरी होती हैं। शाखाएं लोागें को साया प्रदान करती हैं… शीतलता देती हैं। ऐसा संगठन का स्वारूप होना चाहिए।’ पीएम ने साथ ही कहा कि ‘हमारी सरकार के 22 महीनों के कार्यकाल में आज तक सरकार पर भ्रष्टा।चार का आरोप नहीं लगा। केवल आर्थिक भ्रष्टा चार ही नहीं, बल्कि कोई राजनीतिक आरोप भी नहीं लगा।’ पीएम ने कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए कहा कि ‘वह व्य र्थ के मुदों में न उलझें, अपने एजेंडे पर चलें। विरोधी ताकतों की कोशिश हमें उलझाए रखने की होगी और सरकार के कार्यों की चर्चा जनसामान्य में न होने पाए, इसकी कोशिश उनकी होगी. राजनाथ ने बताया कि पीएम ने भाषण में महात्मान गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि ‘गांधी जी धरती से जुड़े मुद्दों को अपने एजेंडे में रखते हुए उन्हेंं भारत की आजादी की लड़ाई से जोड़ते थे।’ साथ ही उन्होंाने कार्यकर्ताओं को सतर्क करते हुए कहा कि ‘विरोधी ताकतें व्यकर्थ के मुद्दे उछालकर हमारी सरकार के अभूतपूर्व कार्यों को उलझाने की कोशिश कर सकती हैं, ताकि वह जनसामान्य तक न पहुंचें। कार्यकर्ताओं को इससे पूरी तरह से अप्रभावित रहना है। अपनी सरकार के रचनात्म क कार्यों और विकास को जन-जन तक पहुंचाने में सक्रियता से काम करें।’ साथ ही पीएम ने कहा कि इस बार का बजट शानदार रहा। बजट में शामिल बड़ी-बड़ी चीजों के अलावा छोटी छोटी बातों को जन-जन तक पहुंचाएं। मसलन, देश में छोटी दुकानें भी हफ्ते में सातों दिन और देर रात तक खुल रह सकेंगी। स्वजभाविक रूप से इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। पीएम ने कहा कि ‘हमारी सरकार का अहम निर्णय देश के साढ़े 18 हजार से अधिक गांव, जिन्हेंक आजादी के बाद भी बिजली नहीं मिली, उनमें से साढ़े 6 हजार से अधिक गावों में हमारी सरकार ने एक वर्ष से अधिक समय में बिजली पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है। 31 मार्च 2017 तक सभी 18 हजार गांवों में बिजली की रोशनी पहुंचाने का लक्ष्यं पूरा हो जाएगा।’ साथ ही उन्होंजने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि ‘जो लोग आजादी मिलने के बाद इतने सालों तक अंधेरे में जिंदगी गुजारते रहे, उनके दर्द, मायूसी को लोग नहीं समझ नहीं सकते, इसलिए ऐसे गाावों में जाकर उन लोगों को साथ लेकर ऊर्जा उत्स व का कार्यक्रम आयाजित करें। (sabhar)