वायरल फीवर के मरीज लोगों में डर; कही कोरोना तो नहीं!

लगातार बारिश के बाद बीमारियों ने दस्तक दी है। हर घर में लोग बीमार पड़ रहे हैं। मौसम में बदलाव के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार यानि वायरल फीवर जैसी बीमारी हो रही है। वायरल बुखार होने पर यह 4 से 6 दिन में दवा लेने पर ठीक हो जाता है, लेकिन इन दिनों कोरोना महामारी के कारण वायरल फीवर होने पर भी लोग डरे हैं। वायरल बुखार के लक्षण दिखाई देने पर अधिकांश लोग इसे कोरोना समझने लगे हैं।

क्योंकि कोरोना वायरस के भी लक्षण वायरल बुखार से मिलते हैं। जिले के एमजीएम अस्पताल व सदर अस्पताल में वायरल फीवर के मरीज लगातार इलाज के लिए आ रहे हैं। मेडिसिन ओपीडी में इनकी संख्या काफी बढ़ी है। एमजीएम के मेडिसिन ओपीडी में लगभग 120 से 130 मरीज वायरल फीवर के हैं तो सदर अस्पताल में लगभग 60 मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं। डाॅ. आरएन झा ने कहा -बारिश से मच्छरों की तादाद में इजाफा होने का खतरा बढ़ा है। मच्छरों पर वार अभियान जल्द शुरू कराया जाएगा। इसके तहत एंटीलार्वा का छिड़काव होगा। डायरिया और डेंगू-मलेरिया से जूझ रहे मरीजों की जांच व इलाज की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट कर दिया गया है।

मौसम में उतार चढ़ाव की वजह से बढ़ी है बीमारियां

एमजीएम अस्पताल के वरीय चिकित्सक डाॅ. मतीन खान ने कहा -मौसम में उतार-चढ़ाव से मौसमी बीमारियां बढ़ी हैं। ऐसे में सर्दी-जुकाम, बुखार और गले में खराश जैसी परेशानी बढ़ रही है, ये लक्षण कोरोना जैसे ही है। जो परेशानी व उलझन पैदा करते है। पर इससे डरने की जरूरत नहीं है,समय पर जांच व इलाज से मरीज ठीक हो रहे है।

बच्चों और बुजुर्गों को खास सावधानी की जरूरत: सीएस

सिविल सर्जन डॉ. आरएन झा ने कहा- अभी के मौसम में बच्चों-बुजुर्गों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। डायबिटीज, दिल और ब्लड प्रेशर समेत दूसरी बीमारी से जूझ रहे मरीज संजीदा रहे हैं। सांस के मरीजों की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मौसमी बीमारियों से पीड़ितों के अस्पताल पहुंचने से कोरोना संक्रमण के प्रसार की आशंका बढ़ी है।