झारखंड में अनलॉक-5 की गाइडलाइन जारी, दुर्गा पूजा को लेकर भी दिए दिशा निर्देश

झारखंड में अनलॉक 5.0 का दिशा-निर्देश, दुर्गा पूजा को लेकर भी जारी हुआ गाइडलाइन, सारे मंदिर, मसजिद और सारे धार्मिक स्थल 8 अक्तूबर से खुलेंगे, जानें कैसे होगा झारखंड में दुर्गा पूजा, क्या है अनलॉक 5.0 में पाबंदी या छूट

राज आर्यन शर्मा | धनबाद | झारखंड समय

रांची : झारखंड में अनलॉक 5.0 का स्थानीय स्तर पर दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है. इसके तहत दुर्गा पूजा के आयोजन से लेकर हर तरह के कार्यों को लेकर दिशा निर्देश दिये गये है. राज्य के आपदा विभाग की ओर से जारी किये गये आदेश के तहत कहा गया है कि 8 अक्तूबर 2020 से सारे मंदिर, मसजिद समेत तमाम इबादतगाह को खोल दिया जायेगा. मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के हस्ताक्षर से आदेश निर्गत कर दिये गये है. जिसके तहत अन्य सारी पाबंदियां बरकरार रखी गयी है. स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान से लेकर सिनेमा हॉल सारे मल्टीप्लेक्स बंद ही रहेंगे. सिर्फ धार्मिक स्थल को नया से खोला गया है और दुर्गा पूजा को लेकर गाइडलाइन जारी किया गया है.

दुर्गा पूजा को लेकर जारी किया गया आदेश :

दुर्गा पूजा का आयोजन मंदिर, घरों के अलावा छोटे स्तर पर तैयार किये गये पंडालों में किया जा सकता है, जहां किसी तरह का कोई भीड़ नहीं होगी, सिर्फ पूजा होगी.
पंडालों को ऐसा बनाया जाना है, जिसमें बाहर से कोई मूर्ति नहीं दिख सके और ना ही भीड़ लग सके
किसी तरह की लाइटिंग पूजा पंडाल या आसपास के इलाके में करने पर पाबंदी रहेगी
किसी तरह का थीम पर कोई पंडाल या मंडप नहीं बनेगा
किसी तरह का तोरण द्वार या स्वागत गेट किसी भई आयोजन के दौरान नहीं बनाया जायेगा
सिर्फ पंडाल में जहां मूर्ति रहेगी, वहीं ढंका हुआ रहेगा नहीं तो सारा एरिया खुला हुआ रखने को कहा गया है
मूर्ति की साइज सिर्फ 4 फीट की ही होनी चाहिए
किसी तरह का कोई पब्लिक एड्रेस सिस्टम, लाउडस्पीकर सिस्टम नहीं रहेगा
किसी तरह का मेला नहीं लगेगा
किसी तरह का फूड स्टॉल नहीं लगेगा
दुर्गा पूजा के पंडाल में एक समय में पुजारी और आयोजक को मिलाकर सिर्फ 7 लोग ही रह सकते है
किसी तरह का विसर्जन का जुलूस नहीं निकलेगा, सिर्फ प्रशासन जहां तय करेगा, वहां सादगी से जाकर विसर्जन कर दिया जाना है.
किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा
किसी तरह का कोई प्रसाद, भोग वितरण या भोज कराने की इजाजत नहीं होगी
किसी तरह का कोई आमंत्रण भी नहीं बांटना है.
किसी तरह का पंडाल या मूर्ति का उदघाटन कार्यक्रम नहीं होगा