गोहत्या के नाम पर बंद हो राजनीति होनी चाहिए : आजाद

नई दिल्लीे, 20 मार्च 2016 : कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर देश में गोहत्या के नाम पर हो रही राजनीति को बंद करने की अपील की है। उन्होंने चिट्ठी में पीएम से अपील की है कि वो देश को बताएं कि देश के ज्यादातर राज्यों में गोहत्या पर प्रतिबंध लगा हुआ है। ऐसे में किसी और जानवर के मांस के इंपोर्ट और इक्सपोर्ट पर निशाना साधना ठीक नहीं हैं। कांग्रेस ने आज कहा कि चुनावी फायदों के लिए सांप्रदायिक नफरत और अविश्वास पैदा कर रहे संघ परिवार से जुड़े लोगों पर मोदी सरकार का नियंत्रण नहीं करना संदेह पैदा करता है कि यह ध्रुवीकरण और विभाजन की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अल्पसंख्यक समुदाय पर बढ़ते कथित हमलों की बात की है। जिनमें झारखंड के लातेहार जिले में दो मवेशी कारोबारियों को मारकर पेड़ से लटकाने की ताजा घटना शामिल है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने अपने दो पन्नों के खत में लिखा, ‘मैं बहुत निराशा के साथ यह कहने को विवश हूं कि जघन्यता और भीड़ की हिंसा के ऐसे घटनाक्रम दुनिया के उन कुछ हिस्सों की झलक देते हैं जहां लोकतंत्र नहीं है। ये भारत की घटनाएं नहीं दिखाई देती जहां कानून के शासन से संचालित एक जीवंत और धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र का व्यापक सम्मान होता है।’
आजाद ने केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद डराने, धमकाने, भीड़ की हिंसा की घटनाओं में इजाफे की बात कही और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र की बहुसंख्यकवादी राय सावधानीपूर्वक और जानबूझ कर पैदा की जा रही है। लोकतंत्र, बहुलवाद, सामाजिक समरसता और शांति पर गंभीर असर पड़ा है तथा देश का विकास भी प्रभावित हुआ है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और सिविल सोसायटी सांप्रदायिक नफरत और ध्रुवीकरण के बढ़ते माहौल के प्रति सरकार का ध्यान लगातार खींच रहे हैं।
आजाद ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्री, सांसद और विधायक, नेता तथा संघ परिवार के संगठन समुदायों के विभाजन और ध्रुवीकरण के लिए लगातार भड़काउ बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि ऐसे तत्वों पर लगाम कसने के लिए सरकार और बीजेपी नेतृत्व की ओर से कोई स्पष्ट प्रयास नहीं दिखाई दे रहा है जिससे संदेह बढ़ता है कि यह ध्रुवीकरण और विभाजन की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। (sabhar भाषा के साथ)