#स्कूली_फीस_पर_झारखंड़_सरकार_का_आदेश *जबतक नहीं खुलता स्कूल तबतक होगी ऑनलाइन पढ़ाई, सिर्फ ट्यूशन फीस लगेगा, टीचरों की सैलरी बंद नहीं होगी, आदेश का पालन नहीं करने पर स्कूलों का एनओसी रद्द हो सकती है*

निजी स्कूल फीस माफी पर राज्य सरकार ने निर्णय ले लिया है। गुरुवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने आदेश निकाला कि कोरोना काल में जब तक प्राइवेट स्कूल नहीं खुलते हैं, वे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखेंगे। इस दौरान स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकेगा, इसके अलावा वह और कोई फीस न तो लेगा और न ही कोई नया फीस सृजित ही करेगा। कोई भी निजी स्कूल अपने यहां के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों की सैलरी में न तो कोई कटौती करेगा और न ही वेतन रोकेगा।

कोरोना काल में स्कूल बंद रहने के दौरान एनुअल फीस, परिवहन या ऐसा कोई भी अन्य शुल्क अभिभावकों से नहीं लिया जाएगा। स्कूल प्रबंधन ने 27 मई और 9 जून को शिक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक में स्वीकार किया था कि वे चालू शैक्षणिक सत्र 2020-21 में किसी प्रकार की फीस नहीं बढ़ाएंगे।

आदेश में इस बात को भी शामिल किया गया है। कुल 9 बिंदुओं पर विभाग के विशेष सचिव सह माध्यमिक शिक्षा निदेशक जटाशंकर चौधरी ने आदेश निकाला है।

शिक्षा विभाग के आदेश के 9 बिंदु :

  • शैक्षणिक सत्र 2020-21 में निजी स्कूल किसी प्रकार की फीस बढ़ोतरी नहीं करेंगे।
  • स्कूलों का पहले की तरह संचालन शुरू होने तक तक केवल ट्यूशन फीस लिया जाएगा।
  • ट्यूशन फीस जमा नहीं करने के कारण किसी भी परिस्थिति में किसी भी छात्र का न तो नामांकन रद्द किया जाएगा और न ही उसे ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था से वंचित ही किया जाएगा।
  • ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था में भेदभाव न हो, इसके लिए आइडी पासवर्ड और शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी स्कूल की होगी।
  • विद्यालय बंद रहने की अवधि तक किसी प्रकार का वार्षिक शुल्क, यातायात शुल्क या अन्य किसी प्रकार का शुल्क अभिभावकों से नहीं लिया जाएगा। जब नये सिरे से स्कूल खुलेंगे तब उक्त सारे फीस समानुपातिक आधार पर लिया जा सकेगा।
  • किसी भी परिस्थिति में अभिभावकों से विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा।
  • विद्यालय में कार्यरत शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन में न तो कोई कटौती की जाएगी और न ही रोक लगाई जाएगी।
  • निजी स्कूल प्रबंधन किसी अन्य तरह का शुल्क सृजित कर अभिभावकों पर दबाव नहीं बनाएंगे।
  • आदेश का पालन नहीं करने पर निजी स्कूलों का एनओसी रद्द कर दिया जाएगा।