निरसा गांजा बरामदगी केस से पुलिस की छवि को धक्का लगा: अनिल पालटा

रिपोर्ट: बबूल शर्मा

धनबाद: 24 अगस्त, 2019 की रात जीटी रोड पर खड़े वाहन में 39 किलोग्राम गांजा किसने प्लांट किया था। इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता कौन है? किसके कहने पर ईसीएल कर्मी चिरंजीत को फंसाया गया। इन तमाम सवालों के जबाव बहुत जल्द मिलेगी। इस मामले से पर्दा उठने वाला है। इस मामले मेंं CID जांच की आंच अब धनबाद के तत्कालीन SSP किशोर कौशल तक पहुंच गई है। सीआइडी के ADG अनिल पालटा जल्द ही किशोर काैशल से पूछताछ करेंगे। काैशल से पूछताछ के बाद ही जांच अंतिम रूप लेगा। गांजा तस्करी और ईसीएलकर्मी चिरंजीत घोष को जेल भेजे जाने के इस मामले से जुड़े तमाम पहलुओं की जांच करने सीआइडी के एडीजी अनिल पाल्टा धनबाद पहुंचे। सीआईडी की टीम ने शनिवार दूसरे दिन तीनों आरोपियों सहित कोयला तस्कर से भी पूछताछ की।

अनिल पालटा ने शनिवार को धनबाद सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प. बंगाल के कोयला कारोबारी राजीव राय और तीन मुख्य कड़ी-नीरज तिवारी, सुनील पासी और रवि ठाकुर से पूछताछ हो चुकी है। नीरज तिवारी, सुनील पासी और रवि ठाकुर को पूछताछ करने के लिए सीआइडी ने रिमांड पर लिया था। उन्होंने बताया कि फिलहाल जांच अंतिम चरण में है। अब पूर्व एसएसपी किशोर काैशल से पूछताछ की जाएगी। जांच में किसी भी निदोर्ष को नहीं फंसाया जाएगा और कोई भी दोषी नहीं बचेगा। उन्होंने साफ कहा कि निरसा गांजा बरामदगी केस से पुलिस की छवि को धक्का लगा है।

सीनियर पुलिस पदाधिकारी के कहने पर ही सारा खेल खेला गया

सीआइडी के एडीजी अनिल पाल्टा शुक्रवार को धनबाद पहुंचे। सुबह 11:00 बजे से लगातार सीआइडी टीम आरोपितों से पूछताछ करती रही। दोपहर 2:00 बजे सीआइडी ने कांड के अहम गवाह बस्ताकोला निवासी कोयला कारोबारी संजीव सिंह को पूछताछ के लिए सर्किट हाउस बुलाया और घंटों पूछताछ की। शुक्रवार को ही इस मामले से जुुुुड़े एसडीपीओ विजय कुमार कुशवाहा और निरसा के निलंबित थानेदार उमेश सिंह से धनबाद के सर्किट हाउस में पूछताछ की।

इस दाैरान दोनों अधिकारियों ने गांजा बरामदगी की साजिश में खुद को निर्दोष बताया। साथ ही कहा कि वरीय अधिकारी को मिली सूचना के आधार पर ही गांजा बरामदगी और ईसीएलकर्मी चिंरजित घोष को जेल भेजने की कार्रवाई की गई। पूछताछ के दाैरान जो तथ्य सामने आया उससे साफ है कि सीनियर पुलिस पदाधिकारी के कहने पर ही सारा खेल खेला गया। इसके बाद एडीजी ने तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर काैशल से पूछताछ करने का निर्णय लिया है।

सीआईडी चार-पांच महीने में कोर्ट में चार्जशीट फाइल करेगी

एडीजी अनिल पाल्टा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अब इसके बाद जिले के एसएसपी किशोर कौशल से पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही कुछ और अन्य पुलिस के अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी। बंगाल के एसडीपीओ मिथुन डे से भी सीआईडी पूछताछ करेगी। उन्होंने कहा कि चिरंजित घोष की पत्नी से भी पुलिस पूछताछ करेगी। इन तमाम जांच पड़ताल के बाद ही पुलिस, सीआईडी चार-पांच महीने में कोर्ट में चार्जशीट फाइल करेगी।

मालूम हो कि क्राइम जगत और पुलिस सूत्रों के अनुसार सीआईडी को अब तक की जांच में जो जानकारी मिली है वह चौंकाने वाली है। चिरंजीत को फसाने के लिए पश्चिम बंगाल के कोयला माफिया और धनबाद पुलिस के बीच करीब एक करोड़ रुपए का सौदा हुआ। इसमें पुलिस के ऊपर से नीचे के अधिकारियों की हिस्सेदारी के साथ ही 40 किलो गांजा और टवेरा वाहन की कीमत भी शामिल है। इस प्रकरण से धनबाद पुलिस की छवि तार-तार हुई है।

मामले की सीआईडी जांच

बता दें कि 25 अगस्त 2019 को निरसा पुलिस ने एक गाड़ी से 39 किलो गांजा बरामद किया था। इस मामले में ईसीएल कोलकर्मी चिरंजीत घोष को गिरफ्तार कर निरसा पुलिस ने जेल भेज दिया था। 27 दिनों बाद तथ्यों की भूल बताते हुए पुलिस ने न्यायालय को डायरी सौंपी थी। जिसके बाद चिरंजीत जेल से छुटकर बाहर आया था। इस केस का अनुसंधान सीआइडी कर रही है। सीआइडी ने अब तक के अनुसंधान व तकनीकी साक्ष्य के आधार पर तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में वरीय पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका की जांच हो रही है। क्योंकि निरसा के निलंबित थानेदार ने कह दिया है कि पूरी कार्रवाई वरीय पुलिस पदाधिकारी के निर्देश पर हुई थी।

इस पूरे प्रकरण में धनबाद के तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल, एसडीपीओ विजय कुमार कुशवाहा, निरसा के पूर्व थाना प्रभारी उमेश सिंह की भूमिका की जांच की जा रही है। डीआईजी प्रभात कुमार, निरसा थाना प्रभारी को इस मामले में पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है। इसके साथ ही प्रभात कुमार एसडीपीओ को शोकॉज नोटिस भी भेजा गया था।

कोयला तस्करी में रोड़ा बन रहे थे चिरंजीत इसलिए फंसाया

धनबाद में गांजा तस्करी में इसीएल कर्मी चिरंजीत घोष को फंसाने के मामले में सीआइडी अनुसंधान में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। अनुसंधान में यह खुलासा हुआ कि जिस कार में गांजा प्लांट किया गया था। वह मेदिनीनगर के एक कबाड़ी कारोबारी की थी। एक साजिश के तहत यह पूरा खेल हुआ। ताकि कोयला तस्करी के रास्ते में रोड़ा बने चिरंजीत घोष को रास्ते से हटाया जा सके। दोनों आरोपित नीरज कुमार तिवारी व रवि कुमार ठाकुर ने उक्त कार में गांजा प्लांट किया था।